India Waqf Board Land: हिंदुस्तान में वक्फ बोर्डों के पास कितना एकड़ है जमीन?
India Waqf Board Land: बुधवार की आधी रात तक लगभग 12 घंटे से भी अधिक चले घमासान के बाद लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक बिल बहुमत के साथ पास हो गया। बिल के लिए मतदान भी किया गया।
बिल के लिए हुए मतदान में कुल 520 वोट पड़े। जिसमें बिल के पक्ष में कुल 288 मतदान पड़े। जबकि बिल के बिपक्ष की तरफ से 232 वोट आए।
आँकड़ो के अनुसार हिंदुस्तान में वक्फ बोर्डों के पास लगभग 9.4 लाख एकड़ भूमि है। जो विभिन्न धार्मिक, शैक्षिक और चैरिटेबल उद्देश्यों के लिए समर्पित है। इसमें 1,40,108 एकड़ जमीन पर खेती-बाड़ी की जाती है।
33056 एकड़ जमीन पर दरगाह, मजार और मकबरे बने हैं और 2042 एकड़ पर स्कूल और मकतब बने हैं।
कहा जाता है कि हिंदुस्तान में रेलवे और रक्षा विभाग के बाद वक्फ बोर्ड के पास तीसरा सबसे अधिक जमीन है। वक्फ बोर्ड की सबसे अधिक संपत्ति उत्तर प्रदेश में है, जहां उसकी करीब 2,14,707 संपत्तियां हैं।
हाल ही में उपलब्ध सरकारी आंकड़ों के अनुसार:
संपत्तियों की संख्या:
वक्फ बोर्डों के पास वर्तमान में लगभग 8.7 लाख संपत्तियां हैं।
भूमि का क्षेत्रफल:
इन संपत्तियों का कुल क्षेत्रफल लगभग 9.4 लाख एकड़ है।
अनुमानित मूल्य:
इन संपत्तियों का अनुमानित मूल्य लगभग ₹1.2 लाख करोड़ है।
वक्फ संसोधन कानून को स्वीकार करना होगा- अमित शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह वक्फ पर प्रस्तावित कानून नहीं मानने की धमकी दे रहा, लेकिन यह संसद द्वारा पारित किया गया कानून होगा और इसे सभी को स्वीकार करना पड़ेगा। शाह ने स्पष्ट किया कि इसके कानून का रूप लेने के बाद इसे पूर्व प्रभाव से लागू नहीं किया जाएगा, जबकि (विपक्ष द्वारा) मुस्लिम भाइयों को इस बहाने डराया जा रहा है। शाह ने कहा कि यह पैसा जो चोरी होता है। उसे पकड़ने का काम वक्फ बोर्ड करेगा। उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके राज्य में (वक्फ की जमीन के लिए) जो मिलीभगत चल रह रही है वह अब नहीं चलेगी।
हम सारे मुसलमानों को एक कर रहे- रिजिजू
किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि आप लोग बार-बार आरोप लगा रहे हैं कि ये सरकार मुसलमानों के खिलाफ काम कर रही है। आप बार-बार कह रहे हैं कि मुसलमानों को डिवाइड किया जा रहा है। सोच कर देखिए, आपने पुराने प्रावधान बोर्ड के तहत शिया और सुन्नी मुसलमानों के बोर्ड को अलग-अलग किया। हम तो सब मुसलमानों को एक करने जा रहे हैं। इससे पता लगता है कि मुसलमानों को कौन डिवाइड कर रहा है?
नोट: इसमें विभिन्न स्रोतों से आँकड़े जुटाये गए हैं। हालांकि आँकड़ो के सत्यता की पूरी जाँच की गई है। फिर आँकड़े गलत होते हैं तो सच समाचार जिम्मेवार नहीं होगा।