क्या 2025 में बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रांची से ही हज यात्रा के लिए उड़ान भर सकेंगे झारखंड के हज यात्री? जाने इसको लेकर कांग्रेस विधायक ने विधानसभा में क्या कहा
हज यात्रा 2025:
झारखंड से साऊदी अरब हज में जाने वाले हज यात्रियों को उड़ान भरने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
क्योंकि झारखंड के राजधानी स्थित बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रांची से इम्बार्केशन प्वाइंट हटा दिया गया और कोलकाता एयरपोर्ट को बना दिया गया।
इस समस्या को लेकर बुधवार को विधानसभा सत्र में कांग्रेस विधायक भूषण बाड़ा ने जोरदार तरीके से रख दिया।
हालांकि अब भी यह कहा नहीं जा सकता है कि 2025 में जाने वाले हज यात्री रांची एयरपोर्ट से ही उड़ान भर पाएंगे या फिर उन्हें पिछले बार की ही तरह कोलकाता एयरपोर्ट से उड़ान भरना होगा।
विधायक को सिमडेगा विधानसभा के कांग्रेस विधायक भूषण बाड़ा ने झारखंड के हज यात्रियों के लिए बिरसा मुंडा रांची एयरपोर्ट को इम्ब्रोकेशन पॉइंट बनाकर उड़ान संचालित करने की मांग की है।
विधायक ने विधानसभा सत्र के शून्यकाल में सरकार को बताया कि रांची एयरपोर्ट को इम्बार्केशन प्वाइंट 2009 में बनाया गया था और तब से लेकर 2019 तक हर वर्ष करीब 3000 से 3200 हज यात्री रांची से जेद्दा फ्लाइट से जाया करते थे।
लेकिन कोविड के कारण 2020-21 में यात्रा पर रोक लग गई और आवेदन करने के बावजूद यात्री हज नही जा सके।
विधायक भूषण बाड़ा ने बताया कि 2024 में बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रांची से इम्बार्केशन प्वाइंट हटा दिया गया और कोलकाता एयरपोर्ट को बना दिया गया।
इसके चलते झारखंड के करीब 3000 से 3200 हज यात्रियों को आर्थिक, शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना कर हज के लिए जेद्दा जाना पड़ा।
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विधायक ने सरकार से अनुरोध है कि पूर्वत की भांति हज यात्रियों के लिये बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रांची को ही इम्बाक्रेशन पॉइंट बनाया जाय।
ताकि राज्य के हज यात्री आसानी से हज यात्रा में जा सके।
क्या कहते हैं समाज के लोग –
इधर मुस्लिम समाज के लोगों ने बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रांची को ही हज यात्रियों के लिए इम्बार्केशन प्वाइंट बनाने की मांग की है।
समाज के योगों ने कहा कि रांची से साऊदी में उड़ान भरने की पूर्व में सुविधा जब बहाल थी। फिर उसे दुबारा लागू करने में क्या समस्या आ रही है।
भीषण गर्मी में कोलकाता जाकर उड़ान भरने में काफी ज्यादा परेशानी होती है।
इससे शारीरिक, आर्थिक एवं मानसिक परेशानियों से जूझना पड़ता है। इससे न सिर्फ हज यात्री परेशान रहते हैं बल्कि उनके परिजनों को भी भारी परेशानी होती है।