झारखंड: पुआल में आग लगने से जिंदा जले चार बच्चे- जाने दर्दनाक हादसे की पूरी कहानी

Rohit Baraik
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झारखंड: पुआल में आग लगने से जिंदा जले चार बच्चे- जाने दर्दनाक हादसे की पूरी कहानी

Jharkhand crime:
झारखंड के प. सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के गितिलिपी गांव में पुआल में आग लग जाने से चार बच्चे जिंदा जल गए।

जिंदा जलने वाले बच्चों में भाई बहन भी शामिल है।

यह दर्दनाक हादसा सोमवार को हुआ। बताया गया कि सोमवार को चार बच्चे पुआल के पास खेल रहे थे। तभी पुआल के ढेर में अचानक आग लगाई।

आग इतनी तेजी से फैली कि बच्चों को भागने तक का मौका नहीं मिला। इस दर्दनाक हादसे में वहां खेल रहे भाई-बहन समेत चार बच्चे जिंदा जल गए।

आग लगने के कारण का खुलासा अब तक नहीं हो पाया है।

इन बच्चो की हुई है दर्दनाक मौत –

जिंदा जलने वाले मृतकों में 5 वर्षीय प्रिंस चातर, साहिल सिंकू, भूमिका सुंडी और 2 वर्षीय रोहित सुंडी शामिल हैं। बताया गया कि भूमिका और रोहित भाई-बहन थे।

बताया कि दिन के लगभग 11 बजे पुआल के ढेर को जलता देख कुछ ग्रामीणों ने शोर मचाना शुरू किया।

शोरगुल की आवाज सुनकर कई ग्रामीण दौड़ते हुए वहां पहुंचे और आग बुझाने में जुट गए। इसी बीच पुलिस-प्रशासन को भी सूचना दी गई।

पुलिस दमकल टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंची। लेकिन तब तक आग काफी भड़क चुकी थी।

काफी मशक्कत के बाद भी बच्चों को जिंदा बचाने की कोशिश रही नाकाम –

काफी मशक्कत के बाद दमकम टीम द्वारा आग पर से काबू पाया गया। इसके बाद सभी बच्चों के शव निकालकर चाईबासा सदर अस्पताल भेेजा गया।

इधर घटना के बाद जगन्नाथपुर के एसडीओ महेंद्र छोटन उरांव, सीओ मनोज कुमार मिश्रा, बीडीओ सत्यम कुमार, डीएसपी राफेल मुर्मू, थाना प्रभारी संजय सिंह तथा स्वास्थ्य कर्मी दल पहुंचे थे।

जगन्नाथपुर विधायक सोनाराम सिंकु ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली।

हर चेहरे में दिख रहा है मातम –

इधर दर्दनाक हादसे के बाद परिजनों समेत गांव के हर चेहरे पर मातम पसरा हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि पुआल के ढेर आग कैसे लगी, समझ में नहीं आ रहा है।

पुआल पूरी तरह सूखे थे। जिस कारण आग ने तुरंत विकराल रूप धारण कर लिया। ग्रामीणों ने कहा कि हम आग बुझाने का लाख प्रयास करते रहे, लेकिन कुछ नहीं कर सके।

आंखों के सामने ही जिंदा जल गए बच्चे –

ग्रामीणों ने बिलखते हुए कहा कि हमारी आंखों के सामने ही चारों मासूम बच्चे जिंदा जल गए। उन्हें भागने तक का मौका नहीं मिला।

इधर घटना के बाद परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है।

मृतकों में भाई बहन भी शामिल –

मृत बच्चों में एक ही परिवार के भाई-बहन समेत दो अन्य बच्चों की मौत हुई है। मृतक रोहित सुंडी और भूमिका सुंडी भाई-बहन हैं।

इनके पिता सुखराम सुंडी भुवनेश्वर में राज मिस्त्री का काम करते हैं। मृतक प्रिंस चतार के पिता अर्जुन चतार भी भुवनेश्वर में राज मिस्त्री का काम करते हैं।

मृतक साहिल सिंकु के पिता चंद्रमोहन सिंकू नोवामुंडी में मजदूरी का काम करते थे। लेकिन सड़क दुर्घटना में गर्दन की हड्डी फ्रैक्चर होने के बाद से अब घर पर ही रहते हैं।

चारों के माता-पिता काफी गरीब परिवार से संबंध रखते हैं। खेती के साथ-साथ मजदूरी का काम कर परिवार चलाते हैं।

एसआईटी टीम करेगी घटना की जांच –

घटना के बाद डीसी कुलदीप चौधरी ने भी दुख प्रकट किया है। उन्होंने दुख ब्यक्त करते हुए कहा कि घटना की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है।

टीम में एडीसी, एसडीओ महेंद्र छोटन उरांव, एसडीपीओ राफेल मुर्मू, बीडीओ सत्यम कुमार, सीओ मनोज मिश्रा समेत अन्य को शामिल किया गया है।

डीसी ने पूरे मामले की गहनता से जांच कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।

मृत बच्चों के परिजनों को दिलाया जाएगा मुआवजा –

एसडीओ महेंद्र छोटन उरांव ने बताया कि कागजी प्रक्रिया जल्द पूरी कर सभी मृत बच्चों के माता-पिता को सरकारी प्रावधान के तहत मुआवजा दिया जाएगा।

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