कौन हैं वित्त मंत्री ओपी चौधरी? जिन्होंने पेश किया है 100 पेज का हस्तलिखित बजट

Rohit Baraik
6 Min Read
Disclosure: This website may contain affiliate links, which means I may earn a commission if you click on the link and make a purchase. I only recommend products or services that I personally use and believe will add value to my readers. Your support is appreciated!

कौन हैं वित्त मंत्री ओपी चौधरी? जिन्होंने पेश किया है 100 पेज का हस्तलिखित बजट :

Chattisgarh budget 2025 :
कौन हैं छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी, जिन्होंने तीन मार्च 2025 को छत्तीसगढ़ के सदन में अपने हाथों से लिखे 100 पेज का बजट पेश किया।

जिन्होंने सदन में बजट पेश करने से पूर्व छत्तीसगढ़ राज्य का परिचय भी अलग अंदाज में दिया। जो आज तक किसी ने नही दिया था।

…अगर कोई जो पूछे चारों धाम का पर्याय तो तुम मेरे छत्तीसगढ़ का नाम लिख देना: मंत्री

छत्तीसगढ़ का परिचय देते हुए वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा, “कोई जो पूछे शौर्य का पर्याय तो तुम गुंडाधुर की तलवार लिख देना”

कोई पूछे समानता का पर्याय तो तुम गुरु घासीदास महान लिख देना कोई जो पूछे राम-राम का पर्याय तो छत्तीसगढ़ी में जय जोहार  लिख देना। अगर कोई जो पूछे चारों धाम का पर्याय तो तुम मेरे छत्तीसगढ़ का नाम लिख देना”

विष्णुदेव साय की सरकार अच्छे नियत और पूरी कर्मठता के साथ कर रही है काम –

सदन में उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि ‘विष्णुदेव साय की सरकार अच्छे नियत और पूरी कर्मठता के साथ काम कर रही है।

इस बार का बजट मैंने खुद अपनी हैंड राइटिंग से लिखा है। सदन में जो आज बजट पेश किया जा रहा है उसे मैंने खुद अपने हाथों से लिखा है।

सदन के सदस्यों को बजट की जो कॉपी सौंपी गई है वह मेरे हाथ से लिखी गई है।

बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि हम ऑनलाइन सिस्टम से काम कर रहे हैं ताकि लोगों को मुश्किलें खत्म हो।

छत्तीसगढ़ को विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है भाजपा सरकार –

वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि प्रदेश की हमारी भाजपा सरकार ‘मोदी की गारंटी’ यानी संकल्प पत्र में निहित हर वादे को पूरा कर छत्तीसगढ़ को विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

बजट के माध्यम से प्रदेश के हर वर्ग-हर क्षेत्र का विकास सुनिश्चित करने का हमारा प्रयास होगा

8 साल की उम्र में उठ गया था सर से पिता का साया, मां ने पेंशन के पैसे से की परवरिश –

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी का जन्म साल 1981 में 2 जून को छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में हुआ था।

उनका पैतृक घर खरसिया ब्लॉक के बायंग गांव में है। उनके पिता सरकारी स्कूल में टीचर थे।

महज 8 साल की उम्र में सिर से पिता का साया उठ जाने के बाद मां कौशल्या ने उनका पालन-पोषण पेंशन के पैसे से की।

की है बीएससी की डिग्री हासिल –

पूर्व कलेक्टर रहे वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के विभिन्न सरकारी स्कूलों में पूरी की।

उन्होंने पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से गणित , भौतिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स में बीएससी की डिग्री हासिल की।

अपने पहले ही प्रयास में पास की थी यूपीएससी –

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सरकार के वित्त मंत्री ओपी चौधरी 2005 बैच में महज 22 साल की उम्र में अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी पास कर भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए।

उन्होंने महज 22 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के अधिकारी बने।

सन 2018 में ही ओपी चौधरी ने रायपुर के कलेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया और रमन सिंह की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। उन्होंने खरसिया विधानसभा क्षेत्र से 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा का चुनाव लड़े।

लेकिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उमेश नंदकुमार पटेल से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

विष्णुदेव साय मंत्रालय में सबसे कम उम्र के मंत्री हैं वित्त मंत्री ओपी चौधरी –

वहीं 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में ओपी चौधरी ने पुनः भाजपा पार्टी से चुनाव लड़े। इस चुनाव में ओपी चौधरी ने 64443 मतों के अंतर से रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र से छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य बने।

ओपी चौधरी सबसे कम उम्र में मंत्री बनने का गौरव प्राप्त किया है। वे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंत्रालय में सबसे कम उम्र के मंत्री हैं।

29 दिसंबर 2023 को उन्होंने वित्त, वाणिज्यिक कर, आवास और पर्यावरण, योजना और आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला।

लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किये जा चुके हैं ओपी चौधरी –

मंत्री ओपी चौधरी को दुर्ग जिले में एसडीएम और बाद में जांजगीर और सरगुजा जिलों में सीईओ जिला पंचायत के रूप में तैनात किया गया था।

बाद में उन्हें राज्य की राजधानी रायपुर में नगर आयुक्त के रूप में तैनात किया गया और वे जनसंपर्क निदेशक बने।

चौधरी ने दंतेवाड़ा, जांजगीर और रायपुर जिलों में कलेक्टर के रूप में कार्य किया, अगस्त 2018 में उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे दिया।

ओपी चौधरी को दंतेवाड़ा में उनकी शैक्षिक पहल के लिए भारत सरकार द्वारा लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।

Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *