कौन था झारखंड का कुख्यात गैंगेस्टर अमन साहू? जो बनना चाहता था अंदरवर्ल्ड डॉन

Rohit Baraik
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कौन था झारखंड का कुख्यात गैंगेस्टर अमन साहू? जो बनना चाहता था अंदरवर्ल्ड डॉन

गैंगेस्टर अमन साहू:
पुलिस एनकाउंटर में मारा गया झारखंड के कुख्यात गैंगेस्टर अमन साहू की कहानी एक अपराधी की दुनिया में उतरने और उसमें आगे बढ़ने की कहानी है।

वह महज 17 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था और फिर उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। हत्या, रंगदारी, लूटपाट और वसूली जैसे अपराधों में शामिल होकर वह अंडरवर्ल्ड का एक बड़ा डॉन बनना चाहता था।

बताया जाता है कि गैंगेस्टर अमन साहू झारखंड की राजधानी रांची के बुढ़मू थाना क्षेत्र के मतवे गांव का रहने वाला था।

उनका बाफ दादा खेती-बाड़ी करते थे। इसके बाद उसके पिता निरंजन साहू परिवार के साथ पतरातू चले गये। वहां एक दुकान खोल ली।

इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद अमन साहू ने पतरातू में मोबाइल की दुकान खोली थी।

इसी दौरान वह सुशील श्रीवास्तव और भोला पांडेय गिरोह के संपर्क में आ गया। पैसे कमाने की लालच में वह आपराधिक गिरोह में सक्रिय हो गया।

 

अमन साहू खुद को अंदर वर्ल्ड डॉन लॉरेंस बिश्नोई का करीबी बताता था। 13 जुलाई, 2024 को रायपुर के तेलीबांधा इलाक़े में एक बिल्डर के ऑफ़िस पर फायरिंग हुई थी।

इसका आरोप भी अमन साहू गैंग पर ही था। अमन ख़ुद को कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का क़रीबी बताता था। कहा जाता है कि वो लॉरेंस बिश्नोई को गुर्गे सप्लाई करता था। इसके बदले में उनसे अमन साहू हाईटेक हथियार हासिल करता था।

जानकारी के अनुसार अमन साहू रांची के छोटे से गांव मतबे का रहने वाला था। झारखंड में उसके ख़िलाफ़ 100 से ज़्यादा मामले दर्ज हैं।

अमन पहले एक हार्डकोर माओवादी था। बताया जाता है कि उसने 2013 में अपना ख़ुद का गैंग बनाया था।

आरोप है कि अमन साहू की हिट लिस्ट में शहर के कई व्यापारियों के नाम शामिल थे।

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