
मारवाड़ी समाज में होलिका दहन का है विशेष महत्व
मारवाड़ी समाज में होलिका दहन का है विशेष महत्व
होलिका दहन 2025:
देश भर में होलीका की पूजा शुरू हो गई है। जगह जगह पंडित के द्वारा होलिका की पूजा कराई जा रही है।
इसके बाद श्रद्धालुओं के द्वारा बड़कुला आदि चढ़कर पूजा अर्चना की जाएगी। उसके बाद देर रात्रि में होलिका दहन होगा।
रंगों का त्योहार होली प्रेम तथा भाईचारा का संदेश देता है। यही कारण है कि हर समुदाय के लोग अलग-अलग ढंग से इस होली के त्योहार को मनाते हैं।
मारवाड़ी समाज में होलिका दहन का एक विशेष महत्त्व है। समाज के लोगों द्वारा पूरे विधि विधान के साथ होलिका दहन की परंपरा को पूरा किया जाता है।
मारवाड़ी समाज के प्रत्येक घर में महिलाएं द्वारा उत्साह के साथ गोबर की बड़कुला व होलिका तैयार कर किया जाता है।
और फिर होलिका दहन वाले दिन पूरे विधि विधान के साथ महिलाएं होलिका दहन स्थल में गोबर के बने बड़कुले आदि चढ़कर पूजा अर्चना की जाती है।
महिलाएं होलिका स्थल की परिक्रमा करते हुए कच्चे धागे भी बांधती है। होलिका दहन के बाद समाज के लोग होलिका में चना, जौ, गेहूं आदि को सेंककर प्रसाद के रूप में ग्रहण करते है।
नवविवाहित महिला करती है विशेष पूजा –
मारवाड़ी समाज में होलिका दहन नवविवाहित महिलाओं के लिए काफी खास माना जाता है। होलिका की परिक्रमा कर नवविवाहिता सुखमय जीवन की कामना करती हैं।
समाज की महिलाओं ने बताया कि होलिका दहन के बाद गणगोर उत्सव का आयोजन होगा। महिलाएं माता गंगोर की पूजा के लिए होलिका की राख अपने घर लाती है। और उसे पूजा घर में रखती है।
क्या कहते हैं पंडित –
पंडित वासुदेव गौतम ने कहा कि मारवाड़ी समाज में होली तथा होलिका दहन का विशेष महत्व है और यही कारण है कि काफी दिन पहले से ही होलिका दहन की तैयारी घरों में प्रारंभ हो जाती है।