विश्व  भर में हो रहा है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का सिलेब्रेट-गूंज रही है महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान देने की आवाज

विश्व  भर में हो रहा है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का सिलेब्रेट-गूंज रही है महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान देने की आवाज

विश्व  भर में हो रहा है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का सिलेब्रेट-गूंज रही है महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान देने की आवाज –

International Women’s Day 2025:
विश्व भर में आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day 2025) के रूप में सेलिब्रेट किया जा रहा है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान देने की आवाज हर ओर गूंज रही है। लोगों को महिलाओं के प्रति आदर सम्मान, उनके अधिकारों, उनकी उपलब्धियों को गनाया जा रहा है।

साथ ही लैंगिग समानता और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के पर जोर दिया जा रहा है। भारत के कई हिस्सो पर कई कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है।

साथ ही समाज मे उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को सम्मानित भी किया जा रहा है।

महिला दिवस के मौके पर देशभर मे धूम है। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि महिलाओं को सम्मान की जरूरत है केवल बोलकर नहीं, बल्कि वास्तविक सम्मान चाहिए। लैंगिक भेदभाव को खत्म करना होगा।

आये दिन महिलाएं घर के अंदर व बाहर उत्पीड़न की शिकार हो रही हैं। माता-पिता, अन्य अभिभावक व समाज को अपनी बेटियों पर विश्वास करना होगा। संदेह करने के बजाय, बेटियों को खुली हवा में सांस लेने दें।

तभी आधी आबादी समाज में बराबरी हासिल कर पायेगी। अब महिलाओं को अलग-अलग क्षेत्र में प्राथमिकता मिल रही है और इसका सकारात्मक असर दिखने लगा है।

फिर भी महिलाओं को और अधिक मेहनत और आवाज उठाने की जरूरत है। इसके लिए आत्मनिर्भरता जरूरी है।

सफलता हासिल करने के लिए आत्मविश्वास और निरंतर प्रयास जरूरी –

लोगों ने कहा कि महिलाओं को अवसरों की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए, बल्कि खुद आगे बढ़कर अपने लिए नए रास्ते तलाशने होंगे।

किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए आत्मविश्वास और निरंतर प्रयास आवश्यक हैं।

आज महिलाएं न केवल अपने परिवार को संवार रही हैं, बल्कि वे समाज की नई पीढ़ी को सही दिशा में मार्गदर्शन भी दे रही हैं।

नशे और अन्य सामाजिक बुराइयों से बच्चों और युवाओं को बचाने में महिलाओं की अहम भूमिका है।

समाज में बदलाव लाने के लिए संघर्ष करने वाली महिलाओं को मिले सम्मान –

वक्ताओं ने कहा कि महिला दिवस पर ऐसे अभियानों की जरूर है, जिसमें उन महिलाओं को पहचान मिले जिन्होंने समाज में बदलाव लाने के लिए संघर्ष किया है। इससे अन्य महिलाओं को आगे बढ़ने की हिम्मत मिलेगी।

आज महिलाएं व्यापार और निजी क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ रही हैं। इससे समाज में एक नई सोच विकसित हो रही है। महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने से न केवल उनका बल्कि पूरे परिवार और समाज का विकास हो रहा है।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में अहम कदम उठाने की जरुरत –

महिला सशक्तिकरण की दिशा में अहम कदम उठाने की जरुरत है। महिलाओं को आगे बढ़ने का हौसला बढ़ाने की जरुरत है।

समाज में मिसाल कायम करने वाली महिलाओं को भी सम्मान मिले। उन्हें भी प्रोत्साहन मिले। महिलाओं को सशक्त करने की जरुरत है।

यदि महिलाएं सशक्त होंगी, तो वे अपने परिवार और समाज को भी सशक्त बना सकेंगी। महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने की जरुरत है।
महिलाओं के संघर्ष और उपलब्धियों को सामने लाने की जरुरत है।

खासकर ऐसी महिलाएं को सामने लाने की जरुरत है, जो बिना किसी पहचान के अपने स्तर पर समाज को बेहतर बनाने में जुटी हैं।

महिलाओं को मिले जमीनी स्तर पर सम्मान –

महिलाओं को केवल पारिवारिक जिम्मेदारियों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उन्हें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी सक्रिय भूमिका निभानी होगी।

महिलाओं को जमीनी स्तर पर सम्मान मिलना चाहिए।महिलाओं की हिम्मत, संघर्ष और सफलता की कहानियों को नई पहचान देने की दिशा में पहल हो। जिससे समाज में जागरूकता बढ़ेगी और महिलाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।

आजकल की लड़कियां –

महिला दिवस के मौके पर लड़कियों के बारे में भी बहुत कुछ जानने की जरूरत है। बता दें कि आजकल की युवतियां बहुत ही सक्रिय और सशक्त हो रही हैं। वे अपने जीवन के हर पहलू में अपनी पहचान बना रही हैं और अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत कर रही हैं।

1.⁠ ⁠शिक्षा में आगे: लड़कियां शिक्षा में बहुत ही आगे हैं और वे अपने करियर को बनाने के लिए मेहनत कर रही हैं।

2.⁠ ⁠स्वतंत्र और आत्मनिर्भर: लड़कियां आजकल बहुत ही स्वतंत्र और आत्मनिर्भर हो रही हैं और वे अपने जीवन के निर्णय लेने में सक्षम हैं।

3.⁠ ⁠फैशन और स्टाइल में आगे: लड़कियां फैशन और स्टाइल में बहुत ही आगे हैं और वे अपने लुक को बनाने के लिए मेहनत कर रही हैं।

4.⁠ ⁠सामाजिक कार्यों में शामिल: लड़कियां सामाजिक कार्यों में शामिल हो रही हैं और वे समाज को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही हैं।

5.⁠ ⁠खेलों में आगे: लड़कियां खेलों में बहुत ही आगे हैं और वे अपने देश के लिए मेडल जीत रही हैं।

महिला दिवस का इतिहास –

महिला दिवस मनाने की शुरुआत 20वीं सदी से हुई थी। 1908 में अमेरिका में कामकाजी महिलाओं ने कम वेतन, लंबे कार्य घंटे और मतदान के अधिकार की मांग को लेकर न्यूयॉर्क में प्रदर्शन किया।

इसके एक साल बाद 1909 में अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने 28 फरवरी को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। बाद में क्लारा जेटकिन नाम की समाजवादी नेता ने 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस घोषित करने का प्रस्ताव रखा।

1911 में जर्मनी, आस्ट्रिया, डेनमार्क और स्विट्जरलैंड में पहली बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने 1975 को आधिकारिक रूप से 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की घोषणा की।

महिला दिवस 2025 की थीम –

हर साल संयुक्त राष्ट्र महिला दिवस के लिए एक थीम तय करता है। इस साल महिला दिवस 2025 की थीम Accelerate Action (कार्रवाई में तेजी लाना) है। यह थीम सभी महिलाओं और लड़कियों के लिए अधिकार, समानता और सशक्तिकरण पर आधारित है।

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