होली 2025: फगुवा गीतों पर हो रहा है डीजे का अतिक्रमण

Rohit Baraik
7 Min Read
Disclosure: This website may contain affiliate links, which means I may earn a commission if you click on the link and make a purchase. I only recommend products or services that I personally use and believe will add value to my readers. Your support is appreciated!

होली 2025: फगुवा गीतों पर हो रहा है डीजे का अतिक्रमण –

होली के रंग में रंगने लगा है भारत का बाजार, अपनी ओर खींच रही है अबीर की खुशबू

Sach samachar:
देशभर में होली की खुमार चढ़ने लगा है। होली को लेकर बाजार भी सज चुके हैं। बाजार बोली के रंग में रंग चुका है।

जहां अबीर की खुशबू लोगों को अपनी ओर खींच रही है। इधर बदलते समय के साथ साथ जिले में होली के त्‍योहार मनाने के अंदाज में बदलाव देखने को मिल रहा है।

होली में गाये जाने वाले फगुआ गीतों की अगर बात करें तो यहां पहले की तरह ढोल नगाड़ा लेकर फगुवा गीत गाते कम नजर आते है।

अब युवा वर्ग होली के दिन नशा करने और फुहड गीतो में नाचने में ही अपनी वाहवाही समझते है।

हांलाकि देश के कई हिस्सों पर होली के मौके पर ढोल, मंजीरा झाल आदि से र्कीतन और फगुवा गीत गाया जाता है। लेकिन इनकी संख्या बेहद कम है।

डिजिटल इंडिया बन रहे हिंदुस्‍तान में दिख रहा है डिजिटल होली –

डिजिटल इंडिया बन रहे हिंदुस्‍तान में अब डिजिटल होली भी देखने को मिल रहा है। लोग होली के दिन घर से बाहर नहीं निकलते है और सोशल मिडिया जैसे वाटसअप, फेसबुक, ट्युटर में ही अपने दोस्‍तो और परिजनो को रंग और पिचकारी भेज कर होली का डिजिटल आनंद लेते है।

होली की मिठाईयां भी सोशल मिडिया में ही भेज दी जाती है। होली के रंग का समय बितने के बाद तो सोशल मिडिया में नहाने के लिए बाल्टी भर पानी और साबुन भी भेजा जा रहा है।

होली को लेकर बाजारों में दिख रहा है रौनक –

होली त्योहार को लेकर बाजारो में रौनक दिख रही है। होली को लेकर कपडो की दुकानो में भीड़ दिख रही है। इसके अलावे मिठाई और रंग अबीर की खरीदारी भी शुरु हो गई है।

रंग अबीर खरीदने के लिए बच्चो में ज्यादा उत्साह देखा जा रहा है। बच्चें अपने अभिभावकों के साथ रंग अबीर, पिचकारी आदि की खरीदारी करते देखे गए।

मिठाई के दुकानों में भी कारीगर दिख रहे हैं व्यस्त –

होली को लेकर मिठाई दुकानों मे कारीगर मिठाई बनाने में व्यस्त दिख रहे हैं। होटल के संचालको की मानें तो होली को लेकर लडडू, गुलाब जामून, काजु बर्फी, गोंद लडडू की मांग बढ़ गई है।

मांग बढ़ने के कारण मिठाई बनाने का काम जोरो पर है। इधर होली को ले ठंडाई और शर्बत की बिक्री भी जोरो पर हो रही है।

शहर से गांव तक होता है होलिका दहन –

भारत भर में शहर से लेकर गांव तक कई जगह होलिका दहन का त्योहार मनाया जाता है। होलिका दहन के लिए गोबर से बने बड़कुले, गोइठा, लकड़ी आदि का उपयोग किया जाता है।

मारवाड़ी समाज के लोगो के द्वारा गोबर से कई आकार के बड़कुले बनाकर होलिका दहन में डाला जाता है। इसके अलावे लोग अपने घर से जलावन लकड़ी वगैरह लेकर आते है और होलिका दहन में जलाते है।

होलिका दहन के लिए गोबर से बने बड़कुले और गोईठा की बिक्री भी खूब होती है। हांलाकि बदलते वक्त के साथ शहरो में इसकी भी बिक्री कम हो गई है।

हालांकि होली को ले अब भी घरो में बड़कुला बनाने की परम्परा दिखाई दे रही है।

वक्त के साथ बदला है होलिका दहन का स्‍वरुप –

देश के कई हिस्से में वक्‍त के साथ साथ होलिका दहन का स्‍वरुप भी बदला है। पुर्व में कुछ गिने चुने स्थानों में ही होलिका दहन का वृहद आयोजन होता था जहां पूरे गांव के लोग जुटते थे।

लेकिन अब गांव और शहर के कई जगहो में होलिका दहन का बृहद स्तर पर आयोजन हो रहा है और मुहल्‍लो के हिसाब से लोग अपना कार्यक्रम तय कर रहे है। अब होलिका दहन में गोबर से बने गोईठा और बडकुले भी कम ही नजर आते है।

जोरो पर चल रहा है मिलावटी का खेल –

इधर होली को लेकर मिलावट खोरी का खेल जोरो पर चल रहा है। सूत्रों की मानें तो मिलावट खोरो के द्वारा लाल मिर्च में गेरु और लाल मिटटी की मिलावट की जाती है।

वहीं धनिया में बुरादा, हल्दी मे चौक पाउडर आदि मिलाकर बेचा जाता है। मिलावट के कारण ही मसाले को बेहद कम मुल्य में बेचा जाता है। हालांकि मिलावट की जांच के लिए सैंपल कलेक्ट किया जाता है।

लेकिन ग्रामीण क्षेत्रो में बनने वाले मसाले की जांच नहीं हो पाती है। जिसके कारण बाजार में मिलावट युक्त मसाला देखने को मिलता है। चिकित्सको ने बताया कि भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए मसाले का उपयोग होता है। लेकिन मिलावट युक्त मसाले से स्वास्थ्य खराब होता है।

फल और सब्जी में होता है कैमिकल रंग का उपयोग –

बाहर से आने वाले फल एवं सब्जियो को ताजा दिखाने के लिए कैमिकल रंग का उपयोग किया जाता है। कैमिकल रंग से फल एवं सब्जियो का रंग चमकता है।

और लोग ताजा सब्जी समझ कर खरीद लेते है। इसी तरह कच्चे सब्जियो एवं फलो को जल्दी पकाने के लिए भी दवा का उपयोग किया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होता है।

कैसे करें मसालो की जांच –

बताया गया कि लाल मिर्च पाउडर में मसाले की जांच घर में की जा सकती है। लाल मिर्च के पाउडर को पानी में डालकर देखना है अगर मिर्च पाउडर पानी में तैरता है तो ये शुद्ध है और अगर डूब जाए तो इसमें मिलावट की गई है।

इसी तरह हल्दी पाउडर की जांच के लिए हाईड्रोक्लोरिक एसिड और पानी की कुछ बुंद डालना है। अगर हल्दी का कलर गुलाबी या बैंगनी हो जाए तो इसमें मिलावट है।

Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *