झारखंड में रिमांड होम से 21 बाल कैदी हुए फरार
झारखंड रिमांड होम:
झारखंड के चाईबासा में स्थित रिमांड होम (सम्प्रेक्षण गृह) से सरहुल की रात 21 बाल कैदी फरार हो गए। घटना मंगलवार रात की है।
जब पूरा राज्य जनजातीय महापर्व सरहुल के उल्लास में डूबा हुआ था। इसी दौरान चाईबासा मुफस्सिल थाना क्षेत्र में स्थित समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित इस सुधार गृह में बंद नाबालिग कैदियों ने जमकर तोड़फोड़ मचाई।
इसके बाद गेट तोड़कर फरार हो गए। घटना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया और पुलिस ने तत्काल इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया।
चार धराए, 17 अब भी फरार –
फरार हुए 21 बाल बंदियों में से 4 को वापस पकड़ लिया गया है। जिनमें से 3 को उनके परिजनों ने खुद वापस रिमांड होम पहुंचा दिया, जबकि एक को पुलिस ने पकड़ लिया। वहीं 17 नाबालिग बंदी अब भी फरार हैं और उनकी तलाश के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
बताया गया कि मंगलवार बाल सुधार गृह में बंद कुछ नाबालिगों ने अचानक हंगामा करना शुरू कर दिया।
बताया जा रहा है कि वे सुधार गृह की व्यवस्थाओं से असंतुष्ट थे और वहां के नियमों से नाराज थे। पहले उन्होंने सुरक्षा गार्डों से बहस की और फिर देखते ही देखते तोड़फोड़ शुरू कर दी।
सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों के अनुसार कुछ नाबालिगों ने पहले ही इस भागने की योजना बनाई थी। उन्होंने गेट और खिड़कियों को तोड़ने के लिए ईंट, पत्थर और लोहे की छड़ों का इस्तेमाल किया।
जब सुरक्षाकर्मी स्थिति को काबू में करने की कोशिश कर रहे थे, तभी 10 से अधिक नाबालिग मौका देखकर वहां से फरार हो गए।
घटना के बाद पुलिस अलर्ट पर –
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। पुलिस ने आसपास के इलाकों में नाकाबंदी कर दी है और संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।
चाईबासा पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कुछ फरार नाबालिगों की पहचान हो चुकी है और जल्द ही उन्हें पकड़ लिया जाएगा।
पुलिस का कहना है कि फरार हुए नाबालिग अपराधी प्रवृत्ति के हैं और पहले भी कानून तोड़ चुके हैं।
इसलिए, उन्हें जल्द से जल्द पकड़ना जरूरी है ताकि वे किसी और गैर-कानूनी गतिविधि में शामिल न हो जाएं।
सुधार गृह की सुरक्षा पर सवाल –
इस घटना के बाद चाईबासा के बाल सुधार गृह की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। अगर नाबालिग बंदियों ने इतनी आसानी से गेट तोड़कर फरार होने की योजना बना ली, तो इसका मतलब है कि सुरक्षा में बड़ी चूक हुई है।
स्थानीय प्रशासन अब इस बात की जांच कर रहा है कि सुधार गृह की सुरक्षा क्यों कमजोर थी और इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
साथ ही, सुधार गृह में रहने वाले अन्य नाबालिगों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।
इससे पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएँ –
झारखंड के कई बाल सुधार गृहों में सुरक्षा को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। इससे पहले रांची और धनबाद के सुधार गृहों में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जहाँ नाबालिग बंदियों ने भागने की कोशिश की थी।
इस घटना के बाद सरकार और प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है कि वे बाल सुधार गृहों की सुरक्षा को और मजबूत करें और वहां रह रहे बच्चों के सुधार पर ध्यान दें, ताकि वे दोबारा अपराध की दुनिया में न जाएं।
सम्प्रेक्षण गृह में लगभग 85 बच्चे थे बंद –
बवाल की सूचना मिलने पर प्रशिक्षु आईपीएस निखिल राय, एसडीपीओ बहामन टुटी, एसडीओ संदीप अनुराग टोपनो और सदर सीओ उपेंद्र कुमार और मुफ्फसिल थाना प्रभारी रंजीत उरांव संप्रेक्षण गृह पहुंचे।
बाहर खड़े बाल बंदियों को अंदर किया गया। इसके बाद गिनती शुरू की गयी। प्रारंभिक सूचना के अनुसार लगभग 21 बंदी फरार हुए हैं। सम्प्रेक्षण गृह में लगभग 85 बच्चे बंद थे।
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी –
पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने बताया कि पूरे घटनाक्रम की जांच की जा रही है। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कितने बाल बंदी फरार हुए हैं।
सम्प्रेक्षण गृह में उपलब्ध पंजी से सभी का मिलान किया जा रहा है। लगातार छापेमारी कर रही है।
इसके अलावा, प्रशासन ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है, जो यह पता लगाएगी कि सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हुई।
क्या कहते हैं उपायुक्त –
पश्चिमी सिंहभूम जिले के उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने बताया कि जिला समाज कल्याण कार्यालय के द्वारा संचालित चाईबासा संप्रेक्षण गृह में उपद्रव उपरांत कुल 21 बाल कैदी गृह से बाहर निकल गए।
सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए चार बाल कैदी को ट्रेस कर वापस गृह में लाया गया है तथा अन्य को ट्रेस कर वापस लाने हेतु कार्रवाई की जा रही है।