नए वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत: कई बड़े नियमों में बदलाव लागू, जानें कैसे प्रभावित होंगे आप?

Rohit Baraik
5 Min Read
Disclosure: This website may contain affiliate links, which means I may earn a commission if you click on the link and make a purchase. I only recommend products or services that I personally use and believe will add value to my readers. Your support is appreciated!
नए वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत: कई बड़े नियमों में बदलाव लागू, जानें कैसे प्रभावित होंगे आप?
वित्तीय वर्ष 2025-26 के नये नियम:
आज से वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत हो गई है, और इसके साथ ही कई महत्वपूर्ण वित्तीय, बैंकिंग, टैक्स, जीएसटी, और डिजिटल भुगतान से जुड़े नियमों में बदलाव लागू हो गए हैं।
इन परिवर्तनों का सीधा असर आम लोगों, करदाताओं, निवेशकों और व्यापारियों पर पड़ेगा। सरकार का उद्देश्य टैक्स सरलीकरण, डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देना और वित्तीय अनुशासन को मजबूत करना है।
आइए जानते हैं नए वित्त वर्ष से जुड़े प्रमुख बदलावों के बारे में, जो आपकी जेब और जीवन पर प्रभाव डाल सकते है…
वित्तीय वर्ष 2025-26 के नये नियम:
1.⁠ ⁠इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव, ₹12 लाख तक टैक्स फ्री
सरकार ने नई कर प्रणाली को और आकर्षक बनाने के लिए महत्वपूर्ण संशोधन किया है। अब ₹12 लाख तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं लगेगा, जबकि पुरानी कर व्यवस्था में यह छूट ₹7 लाख तक सीमित थी।
नई टैक्स स्लैब (2025-26):
•₹0 – ₹12 लाख → कोई टैक्स नहीं
•₹12 – ₹18 लाख → 10% टैक्स
•₹18 – ₹25 लाख → 20% टैक्स
•₹25 लाख से अधिक → 30% टैक्स
इस बदलाव से मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी और नई टैक्स प्रणाली अपनाने वालों की संख्या में वृद्धि होगी।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के नये नियम:
2.⁠ ⁠UPI भुगतान से जुड़े नए नियम लागू
•अब 12 महीने तक निष्क्रिय रहने वाले मोबाइल नंबरों से जुड़े UPI आईडी स्वतः निष्क्रिय हो जाएंगे।
•क्रेडिट कार्ड से UPI भुगतान करने की सुविधा का विस्तार किया गया है, जिससे क्रेडिट कार्ड से सीधा QR कोड स्कैन कर भुगतान करना संभव होगा।
•₹5000 से अधिक के UPI ट्रांजैक्शन के लिए अब 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन अनिवार्य होगा।
3.⁠ ⁠जीएसटी नियमों में बड़ा बदलाव
•इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर (ISD) सिस्टम लागू किया गया है, जिससे राज्यों के बीच कर राजस्व का सही वितरण सुनिश्चित होगा।
•₹50 लाख से अधिक के कारोबार करने वाले व्यापारियों को ई-इनवॉयस अनिवार्य रूप से जारी करना होगा।
•जीएसटी रिफंड की प्रक्रिया को तेज और स्वचालित किया गया है, जिससे व्यापारियों को जल्दी रिफंड मिलेगा।
4.⁠ ⁠क्रेडिट कार्ड और बैंकिंग नियमों में बदलाव
•रुपे क्रेडिट और डेबिट कार्ड में नए फीचर्स जोड़े गए हैं:
•हर तिमाही 1 मुफ्त घरेलू लाउंज एक्सेस
•साल में 2 अंतरराष्ट्रीय लाउंज एक्सेस
•₹10 लाख तक का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा
•बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस की सीमा बढ़ाई गई है। अब खाते में न्यूनतम ₹5000 रखना अनिवार्य होगा, अन्यथा अतिरिक्त शुल्क लगेगा।
•NEFT और RTGS ट्रांजैक्शन पर नई समयसीमा लागू की गई है, जिससे लेनदेन और अधिक सुगम हो जाएगा।
5.⁠ ⁠EPF और पेंशन से जुड़े बदलाव
•अब EPF खाते पर ₹2.5 लाख तक की ब्याज आय टैक्स फ्री होगी, जबकि पहले यह सीमा ₹2 लाख थी।
•पेंशनर्स को हर साल बैंक में जाकर लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की जरूरत नहीं होगी। अब वे इसे ऑनलाइन आधार वेरिफिकेशन के जरिए जमा कर सकते हैं।
6.⁠ ⁠सस्ती हो सकती हैं गाड़ियां, नया BS-VII मानक लागू
1 अप्रैल 2025 से नया BS-VII उत्सर्जन मानक लागू हो गया है, जिससे कारों और बाइक की कीमतों में बदलाव संभव है। इलेक्ट्रिक वाहनों पर मिलने वाली सब्सिडी भी बढ़ाई गई है।
7.⁠ ⁠शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड से जुड़े बदलाव
•शेयर बाजार में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स को 10% से घटाकर 7% कर दिया गया है।
•SIP के तहत निवेश करने वालों को अधिक टैक्स छूट मिलेगी।
•इंट्राडे ट्रेडिंग पर अतिरिक्त टैक्स लाभ दिया जाएगा, जिससे छोटे निवेशकों को फायदा होगा।
8.⁠ ⁠सोने और चांदी की खरीद पर नई नियमावली
•सोने और चांदी की खरीद के लिए अब पैन कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है यदि खरीदारी ₹50,000 से अधिक की हो।
•डिजिटल गोल्ड को फिजिकल गोल्ड में बदलने की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है।
कैसे प्रभावित होंगे आप?
इन बदलावों से मध्यम वर्ग, व्यापारी, निवेशक, और डिजिटल लेनदेन करने वाले नागरिकों को सीधा लाभ होगा। नई इनकम टैक्स छूट से मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी, जबकि UPI और डिजिटल बैंकिंग नियमों से लेनदेन और अधिक सुरक्षित होगा।
सरकार की यह पहल “डिजिटल इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” की दिशा में एक मजबूत कदम है। इन परिवर्तनों को समझकर आप अपने वित्तीय निर्णयों को बेहतर बना सकते हैं और आने वाले वर्ष में अधिक बचत व निवेश कर सकते हैं।
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *