झारखंड के साहिबगंज में दो मालगाड़ियों की जोरदार भिड़ंत – लोको पायलट समेत तीन की मौत, मची अफरातफरी!
रेलवे ट्रैक पर मंजर था खौफनाक, बचाव दल को हटाने में लगे कई घंटे
ट्रेन हादसा झारखंड:
झारखंड के साहिबगंज जिले में मंगलवार तड़के एक भीषण रेल दुर्घटना हुई, जिसमें दो मालगाड़ियाँ आपस में भिड़ गईं।
इस दर्दनाक हादसे में दो लोको पायलट और एक गार्ड की मौत हो गई, जबकि चार सीआईएसएफ जवान गंभीर रूप से घायल हो गए।
दुर्घटना इतनी भयानक थी कि कोयला लदी मालगाड़ी में आग लग गई और कई डिब्बे पटरी से उतर गए।
कैसे हुआ हादसा? जानिए पल-पल की पूरी कहानी –
यह हादसा बरहेट थाना क्षेत्र के सोनाजोड़ी रेलवे स्टेशन के पास हुआ, जहाँ एक मालगाड़ी पहले से लूप लाइन पर खड़ी थी।
दूसरी मालगाड़ी को मुख्य ट्रैक से गुजरना था, लेकिन संकेत और संचार में चूक के कारण वह भी लूप लाइन पर आ गई और सीधे पहले से खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई।
टक्कर इतनी तेज थी कि दोनों ट्रेनों के इंजन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और डिब्बों में आग लग गई। हादसे के बाद रेलवे ट्रैक पर कोयला और मलबे का ढेर लग गया, जिससे घंटों तक रेल यातायात बाधित रहा।
मौतें और घायलों की सूची – कौन-कौन हुआ हादसे का शिकार?
मारे गए लोग:
1.अंबुज महतो – लोको पायलट, बोकारो निवासी
2.कालेश्वर माल – सहायक लोको पायलट, पश्चिम बंगाल निवासी
3.ट्रेन गार्ड (नाम अभी अज्ञात)
घायल हुए चार सीआईएसएफ जवान:
1.उदय मंडल
2.इसराउल शेख
3.जितेंद्र कुमार
4.रवि घोष
इन सभी को पहले बरहेट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहाँ से दो घायलों को राज्य के बड़े अस्पताल में रेफर किया गया।
रेलवे ने क्यों नहीं रोकी टक्कर? बड़ी लापरवाही उजागर!
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह हादसा सिग्नल की गलती और संचार में हुई चूक की वजह से हुआ।
•गलत ट्रैक पर चली गई ट्रेन: एक ट्रेन पहले से लूप लाइन पर थी, लेकिन ड्राइवर को गलती से इसी ट्रैक पर भेज दिया गया, जिससे टक्कर हुई।
•इमरजेंसी ब्रेक भी नहीं बचा सके ट्रेन: लोको पायलट ने अंतिम समय में इमरजेंसी ब्रेक लगाने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
•रेलवे कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही: शुरुआती जांच में रेलवे कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है, जिसके कारण यह हादसा हुआ।
हादसे के बाद का माहौल – चिल्लाते रहे लोग, देर से पहुँची मदद –
हादसे के तुरंत बाद ट्रेन में सवार कर्मचारी और गार्ड मदद के लिए चिल्लाने लगे। दुर्घटना के बाद ट्रैक के आसपास के लोग वहाँ जमा हो गए।
लेकिन, बचाव दल मौके पर देर से पहुँचा, जिससे कई घायलों की हालत और खराब हो गई। दमकल विभाग को आग बुझाने में करीब दो घंटे लग गए।
रेलवे को करोड़ों का नुकसान – ट्रैक को ठीक करने में लगेंगे 48 घंटे!
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, इस हादसे में कई डिब्बे क्षतिग्रस्त हो गए और ट्रैक भी बुरी तरह टूट गया।
•ट्रैक को ठीक करने में 48 घंटे लग सकते हैं।
•रेलवे को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
•हादसे की वजह से कई ट्रेनों का रूट बदला गया है।
रेलवे ने क्या कहा? मिलेगी मुआवजा राशि –
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुँचे और हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
•मृतकों के परिवार को ₹10 लाख का मुआवजा मिलेगा।
•गंभीर रूप से घायलों को ₹5 लाख की सहायता राशि दी जाएगी।
•मामूली रूप से घायलों को ₹50,000 की आर्थिक मदद मिलेगी।
भविष्य में ऐसे हादसे न हों, इसके लिए क्या कदम उठाए जाएँगे?
रेलवे ने इस घटना के बाद सिग्नलिंग सिस्टम की समीक्षा करने और संचार प्रणाली को बेहतर बनाने का फैसला किया है।
•सभी प्रमुख जंक्शनों पर AI आधारित सिग्नलिंग सिस्टम लगाया जाएगा।
•ट्रेन ड्राइवरों को नई सुरक्षा तकनीकों की ट्रेनिंग दी जाएगी।
•ऑटोमैटिक ट्रैक चेकिंग सिस्टम लगाया जाएगा, जिससे गलत ट्रैक पर जाने से पहले ट्रेन को रोका जा सके।