झारखंड: युवती को पहले गोली मारी, फिर शव को जलाने की कोशिश — इंसानियत को झकझोर देने वाली वारदात
झारखंड के खूंटी जिले से एक ऐसी दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसने न सिर्फ इलाके के लोगों को बल्कि पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है।
कर्रा थाना क्षेत्र के लोधमा ओपी अंतर्गत मुरहू रेलवे फाटक के पास पार टांड नामक एक सुनसान स्थान पर एक युवती की बेरहमी से हत्या कर दी गई।
अपराधियों ने पहले युवती के माथे पर गोली मारी, फिर उसका गला रेतकर यह सुनिश्चित किया कि वह बच न सके। इतना ही नहीं, हैवानियत की हद तो तब पार हो गई जब उन्होंने पहचान छुपाने के लिए शव को जलाने का प्रयास भी किया।
युवती का शव एक प्लास्टिक की झोपड़ी में मिला, जो निमाय महतो के खलियान में स्थित थी।
चारों ओर घना जंगल, नजदीक कोई घर नहीं — एक ऐसा इलाका जहां दिन में भी सन्नाटा पसरा रहता है, वहीं इस जघन्य कांड को अंजाम दिया गया।
ग्रामीणों की मानें तो घटना शुक्रवार की देर रात की है। शनिवार सुबह जब ग्रामीणों ने झोपड़ी से धुआं उठते देखा तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। कर्रा थाना की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया।
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि युवती की हत्या से पहले उसके साथ दुष्कर्म भी किया गया हो सकता है।
शव की हालत बेहद खराब है — माथे से गोली आर-पार हो गई थी, गला रेत दिया गया था, और ऊपर से उसे जलाने की कोशिश की गई थी। यह सब देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि अपराधियों ने कितनी क्रूरता और बेरहमी से इस वारदात को अंजाम दिया है।
“शायद वो किसी की बहन थी, किसी की बेटी थी, किसी का सपना थी…”
घटना स्थल पर जुटी भीड़ में मौजूद लोगों की आंखें नम थीं। हर कोई यही सवाल कर रहा था — कौन थी वो? क्यों उसे इस तरह मारा गया? क्या उसका कसूर इतना बड़ा था कि उसे जिंदा रहने का हक नहीं था? क्या उसका सपना देखना गुनाह था?
स्थानीय लोगों ने बताया कि मृतका को किसी ने पहचानने की कोशिश की, लेकिन कोई सफल नहीं हो पाया।
इससे आशंका जताई जा रही है कि वह स्थानीय नहीं थी। हो सकता है कि उसे कहीं और से लाया गया हो और इलाके से परिचित लोगों ने ही इस घटना को अंजाम दिया हो।
फिलहाल पुलिस ने शव को खूंटी सदर अस्पताल भेज दिया है, जहां पोस्टमार्टम रिपोर्ट से और जानकारी मिल सकेगी। साथ ही, वैज्ञानिक जांच और तकनीकी मदद से केस की गुत्थी सुलझाने की कोशिशें की जा रही हैं। पुलिस अब तक मृतका की शिनाख्त नहीं कर पाई है।
प्रेम-प्रसंग या सोची-समझी साजिश?
स्थानीय लोगों में चर्चा है कि यह मामला किसी प्रेम-प्रसंग से भी जुड़ा हो सकता है। लेकिन जिस प्रकार से युवती की हत्या की गई है, वह किसी निजी दुश्मनी या सुनियोजित साजिश की तरफ इशारा करता है।
पुलिस को यह भी अंदेशा है कि अपराधी इलाके को अच्छी तरह से जानते थे, तभी उन्होंने एक ऐसे स्थान को चुना जहां कोई नहीं रहता। न कोई गवाह, न कोई आवाज।
अब सवाल यह है: कब थमेगा यह सिलसिला?
हर दिन किसी न किसी को इस तरह मौत के घाट उतार दिया जाता है, और हम सिर्फ खबरों में पढ़ते हैं, कुछ समय दुखी होते हैं, और फिर भूल जाते हैं।
लेकिन यह वो वक्त है जब हमें रुक कर सोचना होगा — आखिर हमारी बेटियों की सुरक्षा कब सुनिश्चित होगी? उनका जीवन कब सुरक्षित होगा?
वो भी किसी की उम्मीद रही होगी, किसी की मुस्कान रही होगी। पर अब सिर्फ एक गुमनाम लाश बनकर रह गई है।