वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 लागू, अधिसूचना जारी
वक्फ संशोधन अधिनियम 2025:
देशभर में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और विवादों को लेकर चली आ रही बहस के बीच वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को अप्रैल से आधिकारिक रूप से लागू कर दिया गया है।
इस अधिनियम के ज़रिए सरकार ने वक्फ बोर्डों की शक्तियों, कार्यप्रणाली और संपत्ति से जुड़े प्रावधानों में कई अहम संशोधन किए हैं।
इस कानून के लागू होते ही देशभर की लाखों एकड़ वक्फ संपत्ति, जिनमें मस्जिदें, दरगाहें, कब्रिस्तान, मदरसे और अन्य धार्मिक संस्थाओं के रिकॉर्ड, देखरेख और विवाद समाधान की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव आने वाला है।
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सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, अगली हफ्ते सुनवाई –
सरकार इस अधिनियम को सुधारात्मक कदम बता रही है। लेकिन कुछ मुस्लिम संगठनों और वक्फ बोर्डों ने इसके कुछ प्रावधानों को अत्यधिक सरकारी हस्तक्षेप और धार्मिक स्वतंत्रता में अतिक्रमण बताया है।
इन संगठनों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है और अगली हफ्ते इस मामले में सुनवाई तय की गई है। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि इससे वक्फ संस्थाओं की स्वायत्तता को नुकसान पहुंचेगा और अल्पसंख्यकों की धार्मिक संपत्तियों पर सरकार का अप्रत्यक्ष नियंत्रण बढ़ जाएगा।
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सरकार द्वारा प्रस्तावित इस संशोधन में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में व्यापक बदलाव किए गए हैं। नए प्रावधानों के तहत:
1. गैर-मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड में शामिल करने का प्रावधान – अब गैर-मुस्लिम सदस्य भी वक्फ बोर्ड में शामिल हो सकते हैं, जिससे मुस्लिम समुदाय को डर है कि उनकी धार्मिक संपत्तियों पर बाहरी हस्तक्षेप बढ़ जाएगा।
2.सरकारी निगरानी बढ़ेगी – वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवादों को निपटाने के लिए सरकार को अधिक शक्तियां दी गई हैं।
3.विवादित संपत्तियों पर सरकार का नियंत्रण – प्रस्तावित विधेयक के अनुसार, विवादित वक्फ संपत्तियों पर सरकार का सीधा दखल रहेगा और अंतिम निर्णय लेने का अधिकार प्रशासन को होगा।
4.पारदर्शिता और जवाबदेही – सरकार का कहना है कि इस विधेयक से वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग रुकेगा और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।