भारत मे थम नहीं रहा है आवारा आतंक-दहशत के साये में जीने को विवश हैं लोग

Rohit Baraik
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भारत मे थम नहीं रहा है आवारा आतंक-दहशत के साये में जीने को विवश हैं लोग

देश भर में हर साल लाखों लोग होते हैं आवारा कुत्तों का शिकार – 

भारत का आवारा आतंक:
पूरे भारत के लोग सालों भर आवारा आतंक से जूझते रहते हैं।

यहां आवारा आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। आवारा आतंक के कारण लोग सड़क में निकलते ही डरे सहमे से रहते हैं।

हम बात कर रहे हैं आवारा कुत्तों की। जिनके कारण लोग खौफजदा रहते हैं।

देश के लगभग हर हिस्से में लोगों को सड़क चलते इनका निशाना बनना पड़ता है।

कई बार तो छोटे बच्चे भी इसकी चपेट में आ जाते हैं। कुत्तों के काट लेने के बाद लोग न सिर्फ शारीरिक रूप से कष्ट झेलते हैं, बल्कि मानसिक रूप से परेशानी झेलते हैं।

ऊपर से नियमित रूप से सूई दिलवाने के लिए अलग परेशान होना पड़ता है। इन कुत्तों का आतंक शहर से लेकर गांव तक होता है।

कई स्थानों में तो बकायदा इनका गैंग होता है। सड़क के किनारे, कूड़ेदान में कोई चीज दिख जाय तो पूरा झुंड झपट्टा मार कर दौड़ पड़ता है।

कई बार लोग जब खुद को बचाने के लिए इन्हें इन कुत्तों को भगाने की कोशिश करते हैं, तो बौखलाए कुत्ते हमला बोल देते हैं।

मॉर्निंग वॉक  के समय ज्यादा शिकार हो रहे हैं लोग – 

वैसे तो कुत्तों का आतंक सालों भर रहता है। लेकिन कुछ मौसम में कुत्तों का खौफ बढ़ जाता है।

हाल के दिनों में अधिकतर लोग मॉर्निंग वर्क के दौरान कुत्ते का शिकार हुए हैं। कई स्थानों में अब तो लोग लाठी लेकर मॉर्निंग वर्क के लिए निकल रहे हैं।

बताया गया कि कुत्ते का झुंड मवेशियों को भी निशाना बनाते हैं। अगर आसपास कोई न रहे थे इनका गैंग बकरी अथवा अन्य मवेशी पर हमला कर काट खाते हैं।

2024 में भारत में सामने आए 22 लाख मामले –

एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2024 में कुत्तों के काटने के लगभग 22 लाख मामले भारत मे सामने आए।

जबकि दूसरे जानवरों के काटने के 5 लाख मामले सामने आए। केंद्र सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कुत्ता अथवा अन्य जानवर काटने की वजह से कुल 48 लोगों की मौत हुई।

भारत सरकार के पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।

देशभर में कुत्तों के काटने से हर वर्ष हजारों लोग गंवाते हैं जान – 

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जानवरों के काटने के हर चार मामलों में से तीन में कुत्तों का हाथ होता है।

यह समस्या न केवल गंभीर स्वास्थ्य खतरा पैदा करता है, बल्कि हर साल कई जानें भी लेती है।

द लैंसेट इन्फेक्शियस डिजीज जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल रेबीज संक्रमण के कारण 57,000 से अधिक लोग अपनी जान गंवाते हैं।

यह संख्या भारत में जानवरों के काटने से होने वाले खतरों की गंभीरता को दर्शाती है।

कुत्ता या अन्य जानवर काटें तो क्या करें – 

•⁠ ⁠चिकित्सकों के अनुसार कुत्ते या किसी अन्य जानवर के काटने पर तुरंत प्रभावित क्षेत्र को साबुन और पानी से धोएं।

•⁠ ⁠निकटतम स्वास्थ्य केंद्र जाकर एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाएं।

•⁠ ⁠जानवरों के टीकाकरण पर ध्यान दें, ताकि रेबीज का खतरा कम किया जा सके।

क्या है रेबीज ?

रेबीज एक घातक वायरल संक्रमण है। जो संक्रमित कुत्ते या अन्य जानवर के काटने से फैलता है।

अगर समय पर इलाज न मिले, तो यह लगभग हमेशा घातक होता है। रेबीज जैसी गंभीर बीमारी को रोकने के लिए एंटी रेबीज वैक्सीन एक महत्वपूर्ण उपाय है। काटने के तुरंत बाद सही कदम उठाना और चिकित्सा सहायता लेना आवश्यक है।

रेबीज के खिलाफ जागरूकता की जरुरत – 

रेबीज से बचाव के लिए जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है। सरकार और स्वास्थ्य संगठनों को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में रेबीज रोकथाम कार्यक्रम चलाने चाहिए।

सर्वे में यह भी सामने आया कि कई लोग एंटी रेबीज वैक्सीन की महत्ता को नहीं समझते। जिससे बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।

जागरूकता अभियानों के जरिए लोगों को सही जानकारी देना अनिवार्य है।

नोट :
खबर में दर्ज सभी आंकड़े विभिन्न स्रोतों से जुटाए गए हैं। सच समाचार दर्ज आंकड़ों की पुष्टि नहीं करता है। आंकड़ें गलत होने की स्थिति में सच समाचार जिम्मेवार नही होगा।

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